ऑनलाइन शिक्षा का मार्ग हो रहा प्रशस्त, पर्ल अकादमी ने की पहल

By Career Keeda | Apr 16, 2020

कुछ विपदाएं या प्राकृतिक आपदाएं जीवन को सुचारू रूप से चलाते रहने के नए साधनों को भी जन्म देती हैं। इसे ज्वालामुखी के उदाहरण से समझा जा सकता है। जैसे, ज्वालामुखी के फटने पर कुछ महत्वपूर्ण चीजें भी जरूर निकलती हैं। वैसे ही कोरोनावायरस भी ऐसी आपदा लेकर आया है, जहां जीवन संचालन में उत्पन्न अवरोधों के बीच कुछ शानदार तरीकों से आवश्यक कार्यों को जारी रखने की कोशिशें सफल हो रही हैं।

आज हम बात कर रहे हैं ऑनलाइन शिक्षा के मार्ग प्रशस्त होने की। दरअसल डिजिटल प्लेटफॉर्म को शिक्षा जगत में उपयोग करने के लिए पर्ल अकादमी के द्वारा पहल की गई है। इस अकादमी के द्वारा इस पहल की शुरुआत तभी कर दी गई थी जब कोरोनावायरस जैसी आपदा के आने का अंदेशा भी किसी को नहीं था।

पर्ल अकादमी का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा को  बढ़ावा देना
इस अकादमी ने जो उद्देश्य ठाना है, वह समूचे भारत में लागू हो जाए और समस्त भारतीय शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य बन जाए तो शिक्षा जगत में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। 2015 में इस अकादमी ने एक ऐसी परिकल्पना विस्तृत करने की ठानी थी, जिसके द्वारा छात्रों को ऑनलाइन इंटरनेट के जरिए नेटवर्क का जाल बिछाते हुए शिक्षा देने का कार्य शुरू किया।

इस अकादमी ने अपने सभी कोर्सेस के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन की विधिवत व्यवस्था  की है। इस अकादमी में मीडिया, फैशन, डिजाइन, एनीमेशन एंड मल्टीमीडिया, ग्राफिक डिजाइन, प्रोडक्ट डिजाइन, इंडस्ट्रियल डिजाइन, ज्वेलरी एंड एसेसरीज डिजाइन, इंटीरियर डिजाइन आदि समस्त कोर्सेस के लिए लॉकडाउन की स्थिति में छात्रों को शिक्षा से जोड़े रखने के कार्यक्रम को चलाने के लिए कटिबद्ध हो चुकी है।

आर्ट एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष शरद मेहरा जो पर्ल अकैडमी के प्रचारक हैं उन्होंने कहा है, "यह एक दिलचस्प कदम है, हम तकनीक और अनबॉउंड इनोवेशन के द्वारा शिक्षा के एक नए दृष्टिकोण को अपना रहे हैं। हमें भविष्य की रचनात्मकता को बदलने के लिए रचनात्मक शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। तथा इस तकनीकी दौर में नए आयामों को छूने के लिए निवेश की आवश्यकता भी है"।

पर्ल अकादमी ने जिस कार्य की शुरुआत की है, उसकी सराहना जहां तक की जाए वह कम है। लेकिन इसकी शुरुआत कोरोनावायरस के संक्रमण के समय ही नहीं की गई है, बल्कि इसे बढ़ाया गया है। पहले इस अकादमी के द्वारा ऑनलाइन शिक्षा का केवल 20% उपयोग किया जाता था। अब समस्त विषयों को शामिल करते हुए लगभग 100 फ़ीसदी ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने का प्रावधान अपना किया गया है।

इस अकादमी ने प्रवेश प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करते हुए नए सत्र 2020 में ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा का प्रावधान किया। वहीं अपनी अकादमी का ऐप डेवलप करते हुए वर्तमान परिदृश्य को बदलने की सीख भारत के समस्त शिक्षण संस्थानों को दे रहा है।