अमेरिका में हायर एजुकेशन के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय कोर्सेज में कंप्यूटर साइंस का जिक्र जरूर होता है। वहीं हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से CS डिग्री हासिल करते हैं। वहीं ग्रेजुएशन करने के फौरन बाद अमेजन, गूगल और फेसबुक जैसी टेक सेक्टर की बड़ी कंपनियों में लाखों नौकरी मिल जाती हैं। लेकिन अब स्टूडेंट्स को थोड़ा सावधान होने की जरूरत है और छात्रों को US में CS कोर्स में एडमिशन लेने से पहले दो बार सोचना चाहिए।
बता दें कि अमेरिका में सबसे ज्यादा बेरोजगार कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स हैं। इन लोगों को बड़े-बड़े शहरों में भी नौकरी पाने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। वहीं जो लोग नौकरी में हैं, उन पर नौकरी जाने का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स में बेरोजगारी दर 6.1% है। यह बेरोजगारी के मामले में यह विषय सातवें नंबर पर है।
जॉब्स के क्यों घटी डिमांड
कोविड महामारी के दौरान कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट्स की टेक कंपनियों में डिमांड बढ़ गई थी। अमेजन, गूगल, मेटा और नेटफ्लिक्स समेत हर छोटी-बड़ी कंपनी में लोगों की हायरिंग की जा रही थी। लेकिन महामारी खत्म होने के बाद कंपनियों ने अपना ध्यान मुनाफे की ओर मोड़ा। इस कारण अब अमेरिकी टेक कंपनी में हजारों कर्मचारियों को जॉब्स से निकाला जा रहा है। क्योंकि कंपनियों को ऐसा लगता है कि उन्होंने अधिक लोगों की हायरिंग की थी।
ऐसे में अब कंपनियों को वर्कर्स को हटाना होगा, जिस कारण कंपनी से लोगों की छंटनी हो रही है। आए दिन अमेरिका में टेक सेक्टर में लोगों को जॉब्स से निकालने की खबर मिल रही है। वहीं भारत में भी टेक सेक्टर में लोगों की छंटनी हुई है। एक्सपर्ट के मुताबिक हर बच्चा आज के समय में लैपटॉप लेकर सोचता है कि वह अलग मार्क जुकरबर्ग है। लेकिन इनमें से अधिक लोग एक कागज के टुकड़े को भी ठीक से नहीं सुलझा सकते हैं। वहीं जहां कहीं भी नौकरियां हैं, वहां पर स्टूडेंट्स इंटरव्यू भी क्लियर नहीं कर पा रहे हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स बेरोजगार
कंप्यूटर साइंस की लोकप्रियता के बाद भी इस क्षेत्र में बेरोजगारी दर का ज्यादा होना चिंता की बात है। बता दें कि कंप्यूटर साइंस को प्रिंसटन रिव्यू ने कॉलेज के सबसे अच्छे सब्जेक्ट में पहले नंबर पर रखा है। हालांकि नौकरी के मामले में ये सब्जेक्ट स्टूडेंट्स की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। जिन सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन के बाद सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, इनमें कंप्यूटर साइंस 7वें नंबर पर है। इसमें बेरोजगारी दर 6.1% है। वहीं एंथ्रोपोलॉजी और फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट्स में यह दर 7.8 और 9.4% है
वहीं कई कॉलेजों में कंप्यूटर इंजीनियरिंग को कंप्यूटर साइंस के समान माना जाता है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग में 7.5% बेरोजगारी दर है। इससे यह साफ पता चलता है कि कंप्यूटर साइंस से पास होने वाले स्टूडेंट्स को मार्केट में जॉब मिलना कितना मुश्किल है।