Sainik School Admission 2025: सैनिक स्कूल में बच्चे को पढ़ाने से चमक जाएगा भविष्य, मिलते हैं अनगिनत फायदे

By Career Keeda | Jun 26, 2025

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्जामिनेशन 2025 के रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में 6 और 9 कक्षा में एडमिशन के लिए हुए एग्जाम में स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट NTA की ऑफिशियिल वेबसाइट exams.nta.ac.in/AISSEE पर चेक कर पाएंगे। वहीं इसकी प्रोविजनल आंसर की पहले ही जारी हो चुकी है। वहीं फाइनल आंसर की जारी होने के बाद सैनिक स्कूल के रिजल्ट जारी होंगे। बता दें कि सैनिक स्कूल छात्रों को अनुशासित और सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सैनिक स्कूल में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि कई और चीजें भी सिखाई जाती हैं, जो आगे के जीवन में उतारने के लिए काफी अहम होती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको सैनिक स्कूल में पढ़ने के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पढ़ाई के साथ मिलेगी मिलिट्री ट्रेनिंग
सैनिक स्कूल में पढ़ाई के साथ मिलिट्री ट्रेनिंग भी दी जाती है। ड्रिल एक्सरसाइज, मिलिट्री स्टडीज और फिजिकल ट्रेनिंग यहां के पाठ्यक्रम का हिस्सा होते हैं। यह शिक्षा स्टूडेंट्स को देश सेवा के लिए तैयार करती है।

अनुशासन और लीडरशिप
इसके साथ ही सैनिक स्कूलों में स्टूडेंट्स को लीडरशिप, अनुशासन और जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया जाता है। इससे स्टूडेंट्स में कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता, टीम वर्क और देशभक्ति जैसे गुण आते हैं।

खेल और शारीरिक फिटनेस
सैनिक स्कूलों में फिजिकल फिटनेस पर बहुत ध्यान दिया जाता है। स्टूडेंट्स को खेल, ड्रिल और ऑब्सटिकल कोर्स में हिस्सा लेना होता है। इससे वह शारीरिक रूप से फिट रहते हैं।

टीम वर्क
इस स्कूल में छात्रों को सहनशीलता, टीम वर्क और कठिन परिस्थितियों का सामना करने जैसे गुण सिखाए जाते हैं। जिससे कि छात्र जीवन में आगे चलकर आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें। यह स्कूल ऐसे लीडर तैयार करते हैं, जो किसी भी चुनौती और परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हों।

NCC
सैनिक स्कूल में NCC कार्यक्रम पर भी जोर दिया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स को सामाजिक जिम्मेदारी, लीडरशिप क्वालिटी और देशभक्ति की भावना विकसित की जाती है। NCC के पाठ्यक्रम में परेड, ड्रिल और कैंप जैसे गतिविधियां शामिल होती हैं। इसके कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को पर्वतारोहण, सेलिंग और ट्रेकिंग जैसी रोमांचक और साहसिक एक्टिविटी का हिस्सा बनने का मौका मिलता है।

टाइम मैनेजमेंट
इन स्कूलों में मिलिट्री जैसा अनुशासन होता है। यहां पर सुबह जल्दी उठने से लेकर यूनिफॉर्म तक हर चीज में छात्रों को अनुशासन का पालन करना होता है। स्टूडेंट्स को समय की पाबंदी, बारीकी और व्यवस्था पर ध्यान देना सिखाया जाता है। जीवन में सफलता हासिल करने में अनुशासन बहुत मददगार होता है। फिर चाहे वह सेना में जाएं या फिर किसी अन्य क्षेत्र में।

कैरेक्टर डेवलप
बता दें कि सैनिक स्कूलों में स्टूडेंट्स के चरित्र को आकार देने के लिए साहसिक गतिविधियां करवाई जाती हैं। इससे छात्रों में आत्मनिर्भरता और पक्के इरादे की भावना पैदा होती है। यह एक्टिविटी स्टूडेंट्स को अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने और चुनौतियों का डटकर सामना करने का मौका देती हैं, जिससे स्टूडेंट्स में सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। इससे छात्र टीम वर्क और लीडरशिप सीखते हैं।