हर मां-बाप चाहते हैं कि उनकी बेटी का भविष्य उज्जवल हो अच्छे से पढ़े-लिखे, नौकरी करे और उसकी एक अच्छे घर परिवार में शादी हो जाए। इसके लिए हर माता-पिता अपनी बेटी के पैदा होने के बाद ही उसके लिए धन एकत्रित करना शुरू कर देते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में जिसमें आप अपना यह एकत्रित धन निवेश कर सकते हैं जिससे आगे चलकर भविष्य में आपको अपनी बेटी के भविष्य के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा संचालित बेटियों के लिए एक प्रकार की जमा योजना है और इसे भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था। यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और शादी के खर्चों की पूर्ति के लिए बनायी गयी है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 में लांच किया था। चूँकि इस योजना को कर लाभ की वजह से भी इसे काफी लोकप्रिय माना जाता है। यह आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये के अधिकतम कर लाभ के साथ आपको फायदा पहुंचाती है।
कैसे खुलेगा सुकन्या समृद्धि योजना में खाता
केवल बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं।
खाता खोलने के समय बालिका की आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए और यह लड़की के 21 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक कारगर रहेगी
खाता खोलने के लिए प्रारंभिक निवेश रु 250 जो अधिकतम 1,50,000 रुपये तक पहुंच सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत प्रति बच्चा के लिए केवल एक खाता हो सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना फिक्स्ड इनकम सेगमेंट में सबसे अधिक भुगतान वाले निवेश विकल्पों में से एक है।
खाता खोलते समय अन्य आईडी प्रमाणों के साथ बालिका का जन्म प्रमाण पत्र बैंक में जमा किया जाना आवश्यक है
सुकन्या समृद्धि योजना खाते से जुड़ी जरूरी बातें...
10 वर्ष की आयु तक पहुंचने के बाद लड़की अपना खाता संचालित कर सकती है।
उच्च शिक्षा उद्देश्यों के लिए खाता 18 वर्ष की आयु में 50% निकासी की अनुमति देता है।
खाता खुलवाने के बाद 15 साल तक आप इसमें निवेश कर सकते हैं उसके बाद खाता केवल लागू ब्याज दर अर्जित करेगा।
खाता खुलवाने के 21 साल बाद अकाउंट मैच्योर हो जाता है।
यदि खाता बंद नहीं है, तो यह प्रचलित दर पर ब्याज नहीं कमाएगा।
यदि लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक है और विवाहित है, तो सामान्य रूप से बंद कर दिया जाता है
वित्त मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2019 को एक नोटिफिकेशन जारी कर योजना के कुछ पुराने नियमों में बदलाव किया था नए नियम के अनुसार अकाउंट के मैच्योर होने की अवधि से पहले यदि लड़की की मृत्यु हो गई या वह बीमार वह बीमार हो गई या उसके अभिभावक की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में भी अकाउंट का प्री-मैच्योर क्लोजर किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के फायदे
ब्याज दर: सुकन्या समृद्धि योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जिसमें भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी लघु बचत योजनाओं में सबसे अधिक ब्याज दर दी जाती है।
कर बचत: सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 के तहत इस खाते में अंशदान की छूट दी है।
अवधि: आपको केवल 15 वर्षों के लिए खाते में निवेश करना पड़ेगा इसके बाद 21 साल यानी मेच्योरिटी पीरियड तक जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
सुकन्या समृद्धि खाते का उद्देश्य : अगर माता-पिता पहले से योजना बनाते हैं तो बालिका की शादी या शिक्षा वित्तीय का भोजन पर नहीं पड़ेगा।