क्या जुलाई की जगह अब सितंबर में चालू होंगे नए शैक्षणिक सत्र?

By Career Keeda | Apr 25, 2020

कोरोना वैश्विक महामारी जिसने पूरी दुनिया में कोहराम मचा के रखा हुआ है। जिसने आधी दुनिया को लॉक डाउन के लिए विवश कर रखा है। कोरोना वायरस के कारण भारत में 3 मई तक लॉक डाउन है। इस वायरस ने देश की आर्थिक कमर को तोड़ के रख दिया है वहीं इसका असर शिक्षा पर भी साफ देखा जा सकता है। 16 मार्च से देश में सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षा संस्थान बंद कर दिया गए थे। जो परीक्षाएं या पेपर चल रहे थे या होने वाले थे उन्हें भी स्थगित कर दिया था। सभी छात्र अपने-अपने घरों में हैं और घर से ही ऑनलाइन शिक्षा  प्राप्त कर रहे हैं। सभी अध्यापक और प्रोफेसर बच्चों को ऑनलाइन ही पढ़ा रहे हैं। चूंकि कोरोना वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते 3 मई के बाद भी लॉक डाउन खुलने की संभावना कम दिख रही है ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अब छात्रों के नए शैक्षणिक सत्र जुलाई की जगह सितंबर से शुरू होंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा नियुक्त एक पैनल ने सिफारिश की है जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में शैक्षणिक सत्र जुलाई की बजाय सितंबर से शुरू किया जाए। UGC द्वारा कोरोनोवायरस महामारी के कारण देश में लॉकडाउन के मद्देनजर शिक्षा नुकसान और ऑनलाइन शिक्षा के मुद्दों पर गौर करने के लिए दो समितियों का गठन किया गया था।

1.लॉकडाउन के बीच विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने के तरीके और वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर पर काम करने के लिए हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई थी।

2.ऑनलाइन शिक्षा में सुधार के उपाय सुझाने वाली दूसरी समिति का नेतृत्व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के वी-सी नागेश्वर राव ने किया था।दोनों पैनलों ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की

सूत्रों का कहना है कि "एक पैनल ने सिफारिश की है कि शैक्षणिक सत्र सितंबर से शुरू किया जाए। दूसरे पैनल ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करनी चाहिए अगर उनके पास आधारभूत संरचना और साधन है तो या लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करें और फिर पेन-एंड-पेपर परीक्षाओं की तारीख तय करें। "

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अब दोनों रिपोर्टों का अध्ययन किया जाएगा और इस संबंध में आधिकारिक दिशानिर्देश अगले सप्ताह तक अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है।
एक अधिकारी ने कहा, "यह बाध्यकारी नहीं है कि सभी सिफारिशों को स्वीकार किया जाएगा। सभी सुझावों पर विचार-विमर्श करने और स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।"

पैनल ने यह भी सुझाव दिया की शैक्षणिक सत्र शुरू करने में एक और बाधा है वह प्रवेश परीक्षाओं के साथ-साथ लंबित बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करने में देरी।
एक अधिकारी ने कहा "हमारी जून में NEET और JEE जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की योजना है लेकिन इसके साथ संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते रहना भी बेहद जरूरी है।" केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह 83 विषयों में से केवल 29 विषयों के लिए लंबित बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा जो पदोन्नति और स्नातक प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण है।