Banaras Hindu University: बीएचयू में अब चार में कर सकेंगे ग्रेजुएशऩ, डायरेक्ट पीएचडी में छात्रों को मिलेगा एडमिशन

By Career Keeda | Apr 20, 2024

बीएचयू एडमिशन 2024 में बड़े बदलावों को लागू किया जा रहा है। अगर आपने CUET का फॉर्म भरा है और पसंदीदा विश्वविद्यालयों की लिस्ट में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय है। तो यह आर्टिकल आपके लिए है। बता दें कि इस शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में चार साल का ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम लागू किया जाएगा। इस प्रोग्राम में दो तरह के ग्रेजुएशन कार्यक्रम शामिल होंगे। जिसमें ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च शामिल है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है।

ऑनर्स विद रिसर्च प्रोग्राम
आपको बता दें कि कुल नामांकित स्टूडेंट्स में से सिर्फ 10% छात्र ही बीएचयू बैचलर डिग्री में "ऑनर्स विद रिसर्च" कार्यक्रम चुन सकेंगे। इसके लिए इन छात्रों की सीजीपीए 7.5 या उससे अधिक होनी चाहिए।

ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में "ऑनर्स विद रिसर्च" पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को डायरेक्ट PhD में भी एडमिशन मिल सकेगा। इसके लिए छात्रों को अलग से कोई मास्टर डिग्री कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होगी। छात्रों को प्रस्तावित कार्यक्रम में विभिन्न विषयों में से कोई माइनर कोर्स सेलेक्ट करने की भी सुविधा भी मिलेगी। सभी ग्रेजुएशन छात्रों के लिए यह जरूरी होगा-

बहु-विषयक पाठ्यक्रम (मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स)
कौशल वृद्धि पाठ्यक्रम (स्किल एनहांसमेंट कोर्स)
क्षमता वृद्धि पाठ्यक्रम (एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स)
मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम (वैल्यू एडेड कोर्स)
 
इंटर्नशिप
इसके अलावा ऑनर्स विद रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स को अपने आखिरी सेमेस्टर में एक शोध-पत्र (डिसर्टेशन) भी लिखना होगा।

लॉ फैकल्टी और स्पेशल कोर्स
इसके साथ ही बीएचयू लॉ फैकल्टी के 5 साल का BA LLB के पाठ्यक्रम में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके पीछे कारण है कि यह विशेष पाठ्यक्रम की लिस्ट में आता है। वहीं साउथ कैंपस में चल रहे स्किल डेवलपमेंट वोकेशन कोर्स और विशिष्ट नियामक निकायों द्वारा उसी तरह विनियमित कार्यक्रम भी चलते रहेंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दायरे में नहीं आते हैं।

70 फीसदी उपस्थिति है जरूरी
अगर आप बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहना चाहते हैं। तो आपकी 70 फीसदी अटेंडेंस जरूरी है। वहीं विश्वविद्यालय परिषद की तरफ से भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। बता दगें कि आने वाले सालों में सिर्फ उन्हीं स्टूडेंट्स को हॉस्टल की सुविधा मिलेगी, जिनकी उपस्थिति 70 फीसदी कम से कम रही हो।