एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय कहे जाने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की पूरी कहानी

By Career Keeda | Apr 20, 2020

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक सार्वजनिक केंद्र विश्वविद्यालय है। बनारस का दूसरा नाम काशी है इसलिए कुछ लोग इसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय और सेंट्रल हिंदू कॉलेज के नाम से भी जानते हैं। इसकी स्थापना 1916 में मदन मोहन मालवीय ने एनी बेसेंट के सहयोग से की थी। यहां प्रतिवर्ष 30,000 से अधिक छात्र पढ़ने आते हैं जिसमें भारत ही नहीं अपितु पूरे एशिया के छात्र सम्मिलित होते हैं। इसलिए यह पूरे एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीएचयू  ने 2019 के क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में 801-1000 रैंक हासिल की थी। भारत में NIRF(राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क) ने वर्ष 2019 में बीएचयू को तीसरे स्थान और ओवर ऑल श्रेणी में 9वां स्थान दिया था। राष्ट्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते यह स्नातक(UG) स्नातकोत्तर(PG) और डॉक्टरेट स्तर पर कई विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

बीएचयू का इतिहास
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना मदन मोहन मालवीय द्वारा की गई थी। वह पेशे से प्रमुख वकील और एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता रहे हैं। मालवीय जी का मानना था कि राष्ट्रीय जागृति प्राप्त करने के लिए शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है। दिसंबर 1905 में बनारस में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 21 वें सम्मेलन में मालवीय ने सार्वजनिक रूप से वाराणसी में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की थी। वर्ष 1911 में मालवीय ने एनी बेसेंट के साथ मिलकर वाराणसी में एक विश्वविद्यालय बनाने की ठान ली थी। उसके बाद उन्होंने अपनी वकालत छोड़ अपना सारा ध्यान इसे बनाने में लगाया। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की नींव भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने वसंत पंचमी 4 फरवरी 1916 को रखी थी। विश्वविद्यालय को विस्तृत करने के लिए मालवीय ने महात्मा गांधी, सर जगदीश चंद्र बोस, प्रोफेसर सी वी रमन जैसे प्रख्यात अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित किया। सर सुंदरलाल बीएचयू के पहले कुलपति थे।

कितने एकड़ में फैला है BHU का कैम्पस
BHU वाराणसी के दक्षिणी छोर गंगा नदी के तट पर स्थित है। काशी नरेश प्रभु नारायण सिंह द्वारा दान की गई भूमि के 1,300 एकड़ (5.3 किमी) में फैला है बीएचयू का मुख्य परिसर। बीएचयू की इमारतें इंडो-गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं। इस परिसर में 12,000 से अधिक छात्रों के लिए आवासीय आवास प्रदान करने वाले 60 से अधिक छात्रावास हैं।

मुख्य पुस्तकालय के अलावा छात्रों के लिए तीन संस्थान पुस्तकालय, आठ संकाय पुस्तकालय और 25 से अधिक विभागीय पुस्तकालय उपलब्ध हैं। परिसर में सर सुंदरलाल अस्पताल चिकित्सा विज्ञान संस्थान के लिए एक शिक्षण अस्पताल भी मौजूद है। परिसर के बीचो बीच भगवान शिव का प्रसिद्ध श्री विश्वनाथ मंदिर भी हैं। परिसर में भारत कला भवन नामक एक कला और पुरातत्व संग्रहालय हैं।

बीएचयू के संस्थान, शिक्षा संकाय( डिपार्टमेंट) और अनुसंधान केंद्र:
BHU के प्रमुख 6 संस्थान हैं-

1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान
2. विज्ञान संस्थान
3. कृषि विज्ञान संस्थान
4. चिकित्सा विज्ञान संस्थान
5. पर्यावरण और सतत विकास संस्थान
6. प्रबंधन अध्ययन संस्थान

बीएचयू में 14 शिक्षा संकाय( डिपार्टमेंट) हैं, कला, वाणिज्य, आयुर्वेद, सामाजिक विज्ञान, कानून और दृश्य कला आदि बीएचयू में 12 अनुसंधान केंद्र हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
आनुवंशिक विकार (DBT) केंद्र
पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र
नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र
हाइड्रोजन ऊर्जा केंद्र
प्रायोगिक चिकित्सा और सर्जरी केंद्र
महिला अध्ययन और विकास केंद्र

BHU में प्रवेश प्रक्रिया
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सस्तर पर स्नातक (UET) और स्नातकोत्तर (PET) प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। बीटेक, बी.फार्मा, एमटेक, एम.फार्मा में प्रवेश JEE और GATE के द्वारा होता है। एमबीए और एमबीए-आईबी में प्रवेश IIM-CAT स्कोर के माध्यम से होता है। पीएचडी के लिए प्रवेश या तो CRET (कॉमन रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) के अंकों के आधार पर या राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) की योग्यता के आधार पर किया जाता है। IMS में प्रवेश PMT परीक्षा के माध्यम से होता है।